जंगल की रहस्यमयी आवाज़ । Jungle Ka Rahasyamayi Aawaz । Suspense Story in Hindi |
शुरुआत: एक अनसुलझी पहेली
सूरज ढल चुका था और आसमान में चाँद की हल्की रोशनी बिखर रही थी। गाँव के बाहर वाला जंगल, जो दिन में हरा-भरा और शांत दिखता था, रात में डरावना लगने लगता था। बारह साल का रोहन अपने दोस्तों, नीतू और अजय, के साथ गाँव के पास वाली नदी किनारे बैठा था। तीनों गर्मियों की छुट्टियों में मज़े कर रहे थे। तभी अचानक जंगल से एक अजीब सी आवाज़ आई—"हूँ... हूँ..."—जैसे कोई बहुत दूर से पुकार रहा हो।
"ये क्या था?" नीतू ने डरते हुए पूछा।
"शायद कोई जानवर होगा," अजय ने हँसते हुए कहा, लेकिन उसकी आँखों में भी डर साफ दिख रहा था।
रोहन ने कहा, "नहीं, ये आवाज़ कुछ अलग है। ऐसा लग रहा है जैसे कोई मदद माँग रहा हो। चलो, देखते हैं!"
"पागल हो गए हो क्या? जंगल में रात को?" नीतू ने मना किया। लेकिन रोहन की जिद के आगे दोनों हार गए। तीनों ने टॉर्च ली और जंगल की ओर चल पड़े।
जंगल में कदम
जंगल के अंदर घुसते ही ठंडी हवा चलने लगी। पेड़ों की टहनियाँ हिल रही थीं, और हर कदम पर सूखे पत्तों की चरमराहट सुनाई दे रही थी। टॉर्च की रोशनी में जंगल और भी रहस्यमयी लग रहा था। थोड़ी दूर चलने के बाद वही आवाज़ फिर आई—"हूँ... हूँ..."—इस बार और करीब से।
जंगल की रहस्यमयी आवाज़ । Jungle Ka Rahasyamayi Aawaz । Suspense Story in Hindi |
"देखो, वहाँ कुछ चमक रहा है!" अजय ने एक पेड़ के पीछे से हल्की सी रोशनी देखी। तीनों उस ओर बढ़े। वहाँ एक पुराना, टूटा हुआ लकड़ी का बक्सा पड़ा था, जिसके अंदर से नीली रोशनी निकल रही थी। रोहन ने बक्सा खोला तो उसमें एक चमकता हुआ नीला पत्थर मिला।
"ये क्या है?" नीतू ने उत्सुकता से पूछा।
"शायद कोई खज़ाना!" अजय ने खुशी से कहा।
लेकिन तभी पत्थर से एक धीमी आवाज़ निकली—"मुझे... छोड़ दो..."
तीनों एकदम पीछे हट गए। "ये तो बोल रहा है!" रोहन ने डरते हुए कहा।
उसी पल जंगल में हवा तेज़ हो गई, और पेड़ों के बीच से छायाएँ नाचने लगीं। ऐसा लग रहा था जैसे कोई उन पर नज़र रख रहा हो।
रहस्य का पीछा
"हमें यहाँ से भागना चाहिए," नीतू ने काँपते हुए कहा। लेकिन रोहन ने मना कर दिया। "नहीं, हमें पता लगाना होगा कि ये क्या है। अगर कोई मुसीबत में है, तो हम उसकी मदद करेंगे।"
तीनों ने पत्थर को हाथ में लिया और आगे बढ़े। थोड़ी दूर पर एक पुरानी गुफा दिखी। गुफा के बाहर कुछ अजीब से निशान थे, जैसे किसी ने बहुत पहले वहाँ कुछ लिखा हो। पत्थर की रोशनी गुफा के अंदर की ओर इशारा कर रही थी।
अंदर घुसते ही उन्हें ठंडक और सन्नाटा महसूस हुआ। गुफा की दीवारों पर चित्र बने थे—एक राजा, उसकी सेना, और एक नीले पत्थर की कहानी। चित्रों से पता चला कि ये पत्थर एक जादुई शक्ति रखता था, जिसे एक दुष्ट जादूगर ने चुरा लिया था। लेकिन जादूगर को सजा मिली, और उसकी आत्मा इस पत्थर में कैद हो गई।
"तो ये उस जादूगर की आत्मा है?" अजय ने डरते हुए पूछा।
तभी पत्थर फिर बोला—"मुझे आज़ाद करो... वरना..."
"वरना क्या?" रोहन ने पूछा, लेकिन जवाब में गुफा हिलने लगी।
खतरे का सामना
गुफा में धूल उड़ने लगी, और एक काली छाया दीवार से निकलकर उनके सामने आ गई। उसकी आँखें लाल थीं, और आवाज़ भारी थी। "तुमने मुझे परेशान किया, अब तुम सब यहाँ कैद रहोगे!"
नीतू चीख पड़ी, लेकिन रोहन ने हिम्मत दिखाई। उसने पत्थर को ऊँचा उठाया और कहा, "हम तुम्हें आज़ाद करेंगे, लेकिन पहले बताओ कि कैसे?"
छाया हँसी और बोली, "पत्थर को गुफा के बीच में रखो और पीछे हट जाओ।"
तीनों ने ऐसा ही किया। जैसे ही पत्थर ज़मीन पर रखा गया, एक तेज़ रोशनी फैली, और छाया गायब हो गई। गुफा शांत हो गई, और पत्थर टूटकर धूल बन गया।
अंत: एक नई शुरुआत
जंगल से बाहर निकलते वक्त सुबह हो चुकी थी। तीनों थक गए थे, लेकिन उनके चेहरे पर मुस्कान थी। "हमने एक जादूगर की आत्मा को आज़ाद किया!" अजय ने खुशी से कहा।
"हाँ, लेकिन किसी को बताना मत, वरना लोग हमें पागल समझेंगे," नीतू ने हँसते हुए कहा।
जंगल की रहस्यमयी आवाज़ । Jungle Ka Rahasyamayi Aawaz । Suspense Story in Hindi |
उस दिन के बाद जंगल में फिर कभी अजीब आवाज़ नहीं सुनाई दी। रोहन, नीतू, और अजय की दोस्ती और मज़बूत हो गई। उनके पास एक ऐसी कहानी थी, जो हमेशा उनके दिल में रहने वाली थी।
क्या आपको भी कभी कोई रहस्यमयी आवाज़ सुनाई दी है? हमें नीचे कमेंट में बताएँ!
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